Stubble Burning News: जैसा कि आप जानते हैं खेतों में गेहूं की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है, किसान अब अगली फसल की तैयारी करने में लगे हैं, ऐसे में जिन किसानों ने मशीन से गेंहूँ की कटाई करवाई है उनके खेत में नरवाई रह गयी हैं। बहुत से किसान अपने खेतों में नरवाई और पराली को जलाते हैं लेकिन इसके खिलाफ सरकार सख्त हो गयी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की सरकारों ने खेतों में पराली या नरवाई जलाने पर रोक लगा दी है, और नए कानून बना दिए हैं। तो किसान भाइयों को सावधान हो जाने की आवश्यकता है और यह समझना चाहिए कि सरकार ऐसा क्यूँ चाहती है।
नरवाई (पराली) जलाने पर रोक लगाने हेतु सरकार का बड़ा एक्शन
खेतों में गेहूं की नरवाई (पराली) जलाने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र और राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नरवाई जलाने पर सख्त नियम लागू किए हैं। इसके साथ ही सरकार, सैटेलाइट इमेजरी तकनीक और स्थानीय अधिकारियों को काम पर लगा दिया है। अब अगर कोई किसान अपने खेत में गेहूं की नरवाई जलाता पाया गया, तो उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, ऐसे किसानों पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा, जो 75,000 रुपये तक हो सकता है। यह नियम न केवल यूपी बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में भी लागू हो गया है।
ताजा समाचार – 2 मई 2025 को यूपी कृषि विभाग ने नरवाई जलाने पर सख्ती करने हुए नए नियम जारी किये हैं, 29 अप्रैल 2025 को मेरठ में चार किसानों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। 2024 में यूपी में नरवाई जलाने की 1,406 घटनाएँ दर्ज की गईं, जो 2023 से 29% कम हैं। 2025 में सैटेलाइट डेटा से 23 मामले पकड़े गए, और जागरूकता बढ़ रही है। |
ऐसे किसानों को पीएम किसान का पैसा भी नहीं मिलेगा
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि जो किसान गेहूं की नरवाई जलाएंगे, उनकी PM Kisan की राशि रोक दी जाएगी।
यूपी के कृषि विभाग ने कई जिलों जैसे गाजीपुर, मेरठ, और बुलंदशहर जैसे जिलों में पहले ही नरवाई जलाने वाले किसानों की पहचान शुरू कर दी है। यह कदम दिल्ली-एनसीआर और अन्य क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
किसान नहीं माने तो, सरकार उठाएगी ये कदम
नरवाई जलाने पर नए नियम के तहत किसानों पर भारी आर्थिक दंड लगाया जा रहा है। अगर कोई किसान एक एकड़ से कम जमीन पर नरवाई जलाता है, तो उस पर 2,500 रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, एक एकड़ से ज्यादा जमीन पर नरवाई जलाने पर 5,000 रुपये तक का दंड देना होगा।
कुछ गंभीर मामलों में, खासकर बार-बार नियम तोड़ने पर, जुर्माना 75,000 रुपये तक हो सकता है। यह नियम पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1981 की धारा 19(5) के तहत लागू किया गया है। इसके साथ ही, नरवाई जलाने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल बेचने की सुविधा भी एक साल के लिए बंद की जा सकती है।
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क्यों नहीं जलाना चाहिए, अपने खेतों में नरवाई या पराली –
आपको बता दें नरवाई जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि उनकी जमीन की उर्वरता भी कम होती है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार, नरवाई जलाने से मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व 50% तक कम हो जाते हैं। गेहूं और धान की नरवाई जलाने से हर साल करोड़ों टन कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, और पार्टिकुलेट मैटर हवा में फैलता है, जो दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में स्मॉग और खराब वायु गुणवत्ता का बड़ा कारण है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में पांच प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में 176,237 नरवाई जलाने की घटनाएँ दर्ज की गईं।
नरवाई जलाने के बजाय वैकल्पिक तरीके अपनाने की सलाह दी जा रही है, जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, और स्ट्रॉ चॉपर जैसी मशीनों का इस्तेमाल। इन मशीनों पर सरकार 50-80% तक सब्सिडी भी दे रही है।