ये भी माना जाता है कि अमीन (Idi Ameen) को इंसानों का खून पीने की आदत थी. वो अपने दुश्मनों का खून पी जाया करता था.
जब तानाशाहों (dictators) की बात होती है तो युगांडा (Uganda) के ईदी अमीन (Idi Amin) का जिक्र जरूर आता है. 6 फीट 4 इंच लंबे और लगभग डेढ़ सौ किलो वजन वाले ईदी ने मामूली सैनिक से देश के शासक तक का सफर अमीन ने बड़े ही खूंखार तरीके से तय किया. अफ्रीका (Africa) की काकवा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले इस शख्स के बारे में कहते हैं कि ये अपने दुश्मनों का खून पी जाता था.
माना जाता है कि अमीन के शासनकाल में देशभर में पांच लाख लोग मार डाले गए. अमीन को लीबिया, सोवियत संघ और जर्मनी का समर्थन हासिल था. लेकिन अपने ही देश में पनपते असंतोष के बीच तंजानिया के खिलाफ लड़ाई ईदी को भारी पड़ गई. उसे देश से भागना पड़ा. पहले लीबिया और फिर सऊदी अरब ने उसे शरण दी. आखिरकार साल 2003 में सऊदी में ही ईदी की मौत हो गई.
एक अन्य किताब State of Blood: The Inside Story of Idi Amin में भी अमीन की इन्हीं क्रूर और रहस्यमयी बातों का जिक्र है. किताब के लेखक Henry Kyemba ने ईदी के साथ रहते हुए एक घटना का जिक्र किया है. वे बताते हैं कि ईदी एक बार अस्पताल के मुर्दाघर पहुंचा. वहां कुछ समय मुर्दों के बीच अकेले रहा. माना जाता है कि ईदी ने इस दौरान शवों का खून पिया. हालांकि कहीं भी इस बात की पुष्टि नहीं है. किताब में इसका हवाला भी है कि कैसे एक बार ईदी ने अपने अधिकारियों को बताया था कि वो कई बार इंसानी गोश्त खा चुका है.
अमीन के कार्यकाल के दौरान युगांडा में भारतीय राजदूत रहे मदनजीत सिंह ने अपनी किताब Culture of the Sepulchre: Idi Amins Monster Regime में जिक्र किया है कि अमीन के घर में एक कमरा हमेशा बंद रहता था. सिर्फ एक नौकर को ही अंदर जाने की इजाजत थी. एक बार जिद करके अमीन की एक पत्नी भीतर गई तो उसे अपने पूर्व प्रेमी का कटा हुआ सिर रखा मिला. ये भी माना जाता है कि अमीन को इंसानों का खून पीने की आदत थी. वो अपने दुश्मनों का खून पी जाया करता था.
शरीर से बेहद ताकतवर ईदी 1950 के दशक में देश का नामी हैवीवेट बॉक्सिंग चैंपियन रहा. साथ में वो रग्बी भी खूब बढ़िया खेला करता. ताकत से जुड़ी इन खूबियों के साथ राजनैतिक और निजी मामलों में ईदी बेहद क्रूर रहा. माना जाता है कि वो एक साथ ढेरों महिलाओं से प्रेम संबंध रखता था. पूरे युगांडा में उसका हरम था, जिसमें अलग-अलग पेशों में रह रही महिलाओं से उसके संबंध थे. उसने छह शादियां की. इनके अलावा ईदी की ढेरों प्रेमिकाएं भी थीं. वैवाहिक संबंधों से मिलाकर ईदी के लगभग 40 बच्चे थे.
ईदी को एशियाई लोगों से नफरत थी. उसका मानना था कि उन्हीं की वजह से मूल अफ्रीकन लोग पिछड़े रह गए हैं. ऐसे में शासक बनने के बाद उसने कहा कि अल्लाह ने उसे सपने में एशियाई लोगों को देश से बाहर भेजने को कहा है. हालांकि ईदी के इस कदम के बाद युगांडा की अर्थव्यवस्था ठप्प हो गई क्योंकि यहां भारतीय लोग ही बिजनेस के मूल में थे.
ईदी लगभग 8 सालों तक युगांडा का शासक बना रहा. अपने कार्यकाल के दौरान ईदी ने एशियाई मूल के लोगों पर सबसे ज्यादा हिंसा की. उसने एकदम से एशियाई, जिनमें भारतीय सबसे ज्यादा थे, लोगों को देशनिकाला दे दिया. तब वहां लगभग 50 हजार भारतीय थे. ईदी ने यह भी कहा कि जाने वाले अपने साथ सिर्फ दो सूटकेस और लगभग 50 पाउंड ही ले जा सकते हैं. भारतीयों ने तब अपनी जायदाद छोड़कर रातोंरात ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा में शरण ली.
ईदी को दुनिया के कुछ सबसे खूंखार और रहस्यमयी तानाशाहों में गिना जाता है. साल 1925 में कोबोको में जन्मे ईदी ने 1946 में बावर्ची के रूप में ब्रिटिश औपनिवेशिक सेना की किंग्स अफ्रीकन राइफल्स में काम शुरू किया. अपने कद और ताकतवर शरीर के कारण जल्द ही ईदी आगे बढ़ता गया. उसका रुतबा इतना बढ़ गया कि साल 1971 में सैन्य तख्तापलट के दौरान वो रसोइये से मेजर जनरल बना चुका था.